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नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1 सुकून के कुछ पल( भाग 31)

                         सुकून के कुछ पल

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      सुकून के कुछ  पल  पाने के लिए हम सभी न जाने कहाँ कहाँ जाते है लेकिन हम अपने मन को एकाग्रिचित्त नही कर पाते है हम इन पलौ को भगवान के मन्दिर मे जाते है लेकिन हमारे मन से मोह ममता दूर नहीं जाती  है । हम इस सुकून  को पाने के लिए क्या क्या नहीं करते है।

    इसी पर एक छोटी सी कहानी है 

     बबीता एक संभ्रांत परिवार से थी  उसके पति एक सरकारी नौकरी पर थे। सब कुछ था पैस कोठी गाडी़ नौकर चाकर सब था परन्तु उनके कोई सन्तान नहीं थी।

       इसी बीच बबीता के पति की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु होगयी।अब बबीता अकेली रह गयी इस अकेलेपन के कारण उन्होंने  अपने भतीजे को अपने पास बुलबा लिया।

      बबीता का भतीजा बचपन से शैतान था इसलिए उसके पिताजी उसको उसकी बुआ के पास भेजकर बहुत खुश थे। बबीता के भतीजे संजीव ने वहाँ जाकर शैतानौ के साथ अपनी दोस्ती कर ली। और वह उन टोली का प्रधान बन गया। बबीता के पति की मृत्यु पर उनको काफी पैसा मिला  था। 

        संजीव अपनी बुआ के पैसे पर मौज मस्ती करने लगा था। अब संजीव में सभी अवगुण आचुके थे। वह दोस्तः के साथ शराब पीता और  जुआ भी खेलने लगा था।  संजीव की कोई शादी भी करने को तैयार नही था। 

        बबीता भी उसकी आदतौ से परेशान होचुकी थी। उसने उसे अपने सुकून के लिए रखा था परन्तु उसने तो  उनका जीना हराम कर दिया था।

      उसी समय एक दिन वह शराब के नशे मे आया और जैसे ही बबीता  ने दरवाजा खोला वह उनको पकड़कर अन्दर लेगया और उनकी गरदन पर चाकू रखकर बोला ," देख बुढि़या सीधी तरह से इन कागजौ पर अपने दस्तखत करदे नहीं तो तेरा गला काटदूँगा।  "यह कहकर उसने कुछ कागज और पैन बबीता के सामने रख दिये।

  जब बबीता ने पूछा," यह सब क्या है ?"

वहबोला," यह इस मकान के कागज है जो तू इसे अपनी मर्जी से मेरे नाम कर रही है।

   अब बबीता के पास कोई चारा नहीं था क्यौकि वह जिनती थी कि मरने के बिद भी इसका मालिक यह ही बनेगा क्यौकि उन्होने उसे गोद जो ले लिया था।

      इसलिए उन्हौने अगूँठा लगा दिया।

     बबीता को कभी भी आराम नही मिला इतनी सम्पत्ति होने बाद भी वह सुकून के दोपल के लिए तरस गयी।  संजीव उसकी दौलत पर मौज कर रहा था। और वह सुकून ही ढूड़ती रहगयी।और एक दीन ईश्वर को प्यारी  होगयी।


नान स्टाप राइटिंग  चेलैन्ज 2022 के लिए रचना।

नरेश शर्मा " पचौरी "

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2 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

26-Nov-2022 10:49 AM

Nice

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Gunjan Kamal

25-Nov-2022 11:31 AM

शानदार भाग

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